अकादमी द्वारा अपने संस्थापन उद्देश्यों की पूर्ति के निमित्त प्रारंभिक रूप से जो कार्ययोजना निर्धारित की गई है, उसके अन्तर्गत प्रदेश स्तर पर अकादमी की सक्रियता सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय ईकाईयों का गठन कर उन्हें सम्बद्धता प्रदान करना, क्षेत्रीय-प्रांतीय व राष्ट्रीय स्तर पर संगोष्ठियाँ, व्याख्यान, कार्यशाला, कवि गोष्ठी, सम्मेलन, परिसंवाद आदि अकादमिक कार्यक्रमों का आयोजन करना तथा आयोजन विशेष पर स्मारिकाओं के प्रकाशन एवं स्तरीय शोध पत्रिका (जर्नल) का प्रकाशन, प्रतिष्ठित दलित साहित्यकारों, समाजसेवियों, सजृनधर्मी कलासाधकों को यथोचित रूप से सम्मानित करना, साथ ही दलित साहित्य, कला एवं संस्कृति तथा सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में उच्चस्तरीय शोध सजृन को प्रोत्साहित करने के निमित्त शोध आलेखों, पुस्तक पाण्डुलिपियों, सर्वेक्षण रिपोर्टों के प्रकाशन की व्यवस्था तथा प्रकाशित उत्कृष्ट कृतियों / ग्रंथों को पुरस्कृत करने की योजना सम्मिलित है। दलितजनों की विभिन्न सामाजिक, आर्थिक समस्याओं पर शोध अध्ययन करना, शासन द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करना तथा तत्संबंधी समस्याओं, कठिनाईयों और सुझावों को शासन के समक्ष प्रस्तुत करना।
अकादमी की विशेष योजना है कि उज्जैन में अनुसूचित जाति के विकास एवं समस्याओं पर केन्द्रित एक उच्चस्तरीय अध्ययन-अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया जावे, जिसके अन्तर्गत एक समृद्ध ग्रन्थालय, शोध पत्र-पत्रिकाऐं, शोध अध्ययन कक्ष, म्यूजियम आदि अन्य आवश्यक अनुसंधान सुविधाएँ उपलब्ध हों।