उद्घोषणा :
Home / पूर्वदेवा

पूर्वदेवा

शोध पत्रिका (जर्नल) का प्रकाशन

अकादमी द्वारा सामाजिक विज्ञान त्रैमासिक शोध पत्रिका पूर्वदेवा का प्रकाशन किया जा रहा है जिसका उद्देश्य मुख्यतः भारतीय समाज व्यवस्था में व्याप्त मानवीय विषमताओं के उन्मूलन, दलितों में मानवीय-अस्मिताबोध एवं अधिकार-चेतना उत्पन्न करने और तद्जनित सामाजिक परिवर्तन की भूमिका तैयार कर मानवीय मूल्यों की स्थापना के निमित्त ऐतिहासिक एवं सामाजिक आधार पर विविधपक्षीय, तथ्यपूर्ण एवं शोधपरक अध्ययन एवं चिंतन को प्रवत्र्त करना है। जिससे कि दलित, सर्वहारा वर्ग का समाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक आदि क्षेत्रों में समुचित विकास एवं मानवीय सम्मान का मार्ग प्रशस्त किया जा सके और देश में राष्ट्रीय एकरूपता, सामाजिक न्याय एवं सहिष्णुता की भावना वास्तविक आकार ग्रहण कर सके।

पूर्वदेवा का वर्ष 1994 से नियमित प्रकाशन किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत मार्च 2016 तक 84 अंकों का नियमित प्रकाशन किया जा चुका है, जिसमें 730 से अधिक शोध आलेख प्रकाशित किये जा चुके हैं। पत्रिका के निम्नलिखित 10 विशिष्ट अंक विशेष रूप से उल्लेखनीय है –

  • वर्ण व्यवस्था की प्रासंगिकता
  • क्रांतिदर्शी कबीर
  • नाग इतिहास संस्कृति और सभ्यता
  • दलित आदिवासियों में धार्मान्तर
  • पंचायती राज व्यवस्था और दलित वर्ग
  • आरक्षण व्यवस्था और बदलते आयाम,
  • नाथ सम्प्रदाय और उसका समाज पर प्रभाव
  • बौद्धधर्म एवं संस्कृति का अवैदिक समाज पर प्रभाव,
  • भारत का आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय
  • संत कबीर-सामाजिक सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य