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प्रमुख गतिविधियाँ / कार्यक्रम

निर्धारित कार्य योजना के अनुसार अकादमी की प्रमुख गतिविधियाँ एवं उल्लेखनीय उपलब्धियाँ एवं संचालित गतिविधियाँ अधोलिखित हैं :

सामाजिक विज्ञान शोध केन्द्र की स्थापना

सामाजिक विज्ञान शोध केन्द्र की स्थापना

अकादमी की विशेष योजनानुसार उज्जैन में अनुसूचित जाति के विकास एवं समस्याओं पर केन्द्रित एक उच्चस्तरीय अध्ययन-अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया है।  जिसके अन्तर्गत एक समृद्ध ग्रन्थालय, शोध पत्र-पत्रिकाऐं, शोध अध्ययन कक्ष, म्यूजियम आदि अन्य आवश्यक अनुसंधान सुविधाएँ उपलब्ध है। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा अकादमी को सामाजिक विज्ञान शोध केन्द्र के रूप में (समाजशास्त्र एवं इतिहास विषय) मान्यता एवं सम्बद्धता प्राप्त है। शोध केन्द्र में आवश्यक शोध सुविधाऐं एवं संकाय सदस्यों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है । केन्द्र में समाजशास्त्र एवं इतिहास विषय में अब तक लगभग 50 शोधार्थियों ने शोध कार्य में सहायता प्राप्त की है विद्वान शोध निदेशकों के नेतृत्व में विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं / शोधार्थियों को पीएच. डी. उपाधि स्तर के शोध कार्य अध्ययन की समस्त सुविधाऐं उपलब्ध हैं। केन्द्र में 6 विद्वान विशेषज्ञों की मानद् सेवाऐं शोध निदेशक के रूप में उपलब्ध है ।

ग्रन्थालय एवं प्रलेखन केन्द्र

ग्रन्थालय एवं प्रलेखन केन्द्र

अकादमी के ग्रन्थालय में दलित साहित्य, भारतीय समाज व्यवस्था, धर्म-दर्शन, राजनीति, अर्थशास्त्र, इतिहास आदि विषयों पर प्रमुख ग्रंथ संग्रहित हैं। ग्रन्थालय मेें देश के विभिन्न भागों से प्रकाशित दलित समस्याओं पर केन्द्रित पत्र-पत्रिकाएँ, जर्नल्स आदि संग्रहित किये गये हैं। ग्रन्थालय में शोध-अध्ययन की विशेष सुविधाऐं उपलब्ध कराई जाकर उसे एक समृद्ध प्रलेखन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है । वर्तमान में ग्रन्थालय के अन्तर्गत कुल 3700 पुस्तकें संग्रहित है साथ ही अकादमी वाचनालय में नियमित रूप से राष्ट्रीय स्तर की 30 पत्र-पत्रिकाऐं एवं जर्नल्स उपलब्ध करवाये जा रहे हैं । उपलब्ध ग्रन्थों, पत्र-पत्रिकाओं एवं सन्दर्भ सामग्री सुविधाओं का देश-प्रदेश के विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध एवं स्थानीय शोधार्थियों/लेखकों और सुधी पाठकों द्वारा लाभ प्राप्त किया जा रहा है ।

पत्रपत्रिकाओं, जर्नल्स तथा शासकीय योजनाओं/सूचना स्रोतों से अनुसूचित जाति-जनजाति एवं समाज के कमजोर वर्ग के विकास/समस्याओं संबंधि आलेख, समाचार, अध्ययन निष्कर्ष, सर्वेक्षण रपट आदि वर्गीकृत जानकारी का प्रलेखन/दस्तावेजीकरण किया गया है ।

राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन

राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन

  • प्रथम राष्ट्रीय दलित साहित्यकार/लेखक सम्मेलन, उज्जैन
    28-29 मार्च, 1999
  • द्वितीय राष्ट्रीय दलित साहित्यकार/लेखक सम्मेलन, उज्जैन
    8-9 फरवरी, 2001
  • तृतीय राष्ट्रीय दलित साहित्यकार/लेखक सम्मेलन, उज्जैन
    1-2 मार्च, 2003
  • समजाविज्ञानियों एवं साहित्यकारों का राष्ट्रीय सम्मेलन, उज्जैन
    23-24 मार्च, 2008

प्रान्तीय सम्मेलनों का आयोजन

प्रान्तीय सम्मेलनों का आयोजन

  • प्रथम प्रांतीय दलित साहित्यकार सम्मेलन,
    उज्जैन 21-22 नवंबर, 1987
  • द्वितीय प्रांतीय दलित साहित्यकार सम्मेलन,
    भोपाल 18-20 अगस्त,1989
  • तृतीय प्रांतीय दलित साहित्यकार सम्मेलन,
    उज्जैन 12-14 अप्रेल, 1994
  • चतुर्थ प्रांतीय दलित साहित्यकार सम्मेलन,
    भोपाल 11-12 जनवरी, 1997

जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन 

  • प्रथम जिलास्तरीय सामाजिक समरसता सम्मेलन,
    उज्जैन 29 मार्च, 1998

जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन

जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन

  • प्रथम जिलास्तरीय सामाजिक समरसता सम्मेलन, उज्जैन 29 मार्च, 1998

आयोजित - राष्ट्रीय संगोष्ठियाँ

आयोजित - राष्ट्रीय संगोष्ठियाँ

  1. बदलते सामाजिक परिवेश में वर्ण-व्यवस्था की प्रासंगिकता
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय  संगोष्ठी दिनांक 4-5 दिसम्बर, 1994
  2. नाग इतिहास, सभ्यता एवं संस्कृति का अधुनातन अध्ययन और अनुसंधान के विभिन्न आयाम
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी दिनांक 18-19 दिसम्बर, 1999
  3. महिला सशक्तिकरण में समाज सुधारकों का योगदान
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी दिनांक 14-15 अक्टूबर, 2001
  4. दलित आदिवासियों में धर्मान्तरण
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, उज्जैन 24-25 मार्च, 2002
  5. शूद्रों की सामाजिक स्थिति का अधुनातन अध्ययन
    विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 11-12 जनवरी, 2003
  6. दलित वर्ग के विकास में पंचायत राज व्यवस्था की भूमिका विषयक
    द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, दिनांक 12-13 जुलाई, 2003
  7. नाथ सम्प्रदाय और उसका समाज पर प्रभाव
    विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी,उज्जैन में 17-18 जनवरी, 2004
  8. आरक्षण व्यवस्था और उसके बदलते आयाम
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 21-22 मार्च, 2004
  9. बौद्ध धर्म एवं संस्कृति का अवेदिक समाज पर प्रभाव
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 8-9 जनवरी, 2005
  10. बाबू जगजीवनराम का भारतीय समाज को योगदान एवं मूल्यांकन
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, दिनांक 27-28 मार्च, 2005
  11. भारत का आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 25-26 दिस. 2005
  12. संत कबीर : समकालीन सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 24-25 दिसम्बर, 2006
  13. भारतीय समाज व्यवस्था में शिल्पकारों की स्थिति: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 17-18 फरवरी, 2008
  14. सामाजिक उत्थान में बौद्धधर्म की भूमिका : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय   संगोष्ठी, 22-23 फरवरी, 2009
  15. भारतीय विधान मण्डल में महिला आरक्षणः औचित्य, समस्या एवं समाधान
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 27-28 दिसम्बर, 2009
  16. 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आन्दोलन में दलित वर्ग की भूमिका
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 27-28 फरवरी, 2010
  17. भारत के आर्थिक विकास में महिलाओं का योगदान
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 20-21 नवम्बर, 2010
  18. शिक्षा का मूल अधिकार : अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग की समस्याऐं एवं सम्भावनाऐं
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 25-26 दिसम्बर, 2010
  19. भारत में बौद्धधर्म के विलुप्त होने के कारण-ऐतिहासिक अध्ययन
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 14-15 जनवरी, 2012
  20. महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग की  समस्याऐं एवं सम्भावनाऐं
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 19-20 फरवरी, 2012
  21. भारतीय लोकतंत्र में दलित विकास: चुनौतिया एवं सम्भावनाऐं
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय  संगोष्ठी,20-21 जनवरी, 2013
  22. महिला एवं बाल उत्पीड़न तथा भारतीय समाज: चुनौतिया और समाधान
    विषय पर द्वि-दिवसीय  राष्ट्रीय संगोष्ठी, 16-17 फरवरी, 2014
  23. भारत में सामाजिक समरसता उत्पन्न चुनौतियाँ और समाधान (समकालीन परिप्रेक्ष्य)
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 1-2 मार्च, 2015
  24. डाॅ. अम्बेडकर तथा जातिविहीन समतामूलक समाजः चुनौतियाँ एवं समाधान
    विषय पर द्वि-दिवसीय  राष्ट्रीय संगोष्ठी, 14-15 फरवरी, 2016
  25. भारतीय स्थापत्य कला और शिल्पकार (ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य)
    विषय पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 19-20 जून, 2016

कार्यशाला/व्याख्यानमाला/जयंती/कार्यक्रमों का आयोजन

कार्यशाला/व्याख्यानमाला/जयंती/कार्यक्रमों का आयोजन

समय-समय पर महापुरूषों के प्रेरक प्रसंग पर अकादमी द्वारा विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं, जिसके अन्तर्गत प्रतिवर्ष डा.भीमराव अम्बेडकर, संत रविदास, संत कबीर, संत बालीनाथ आदि महापुरूषों के जयंती पर्व पर विशिष्ट व्याख्यान, काव्यगोष्ठी/अदबी नशिस्त, निबन्ध प्रतियोगिता एवं पुस्तक प्रदर्शनी सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्मिलित रहे हैं।

  1. दलित साहित्यकारों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियाँ एवं सांगठनिक समाधान विषय पर राज्य स्तरीय
    एक दिवसीय कार्यशाला उज्जैन में माह-सितम्बर, 1996
  2. प्रदेश की अनुसूचित जातियों के विकास एवं समस्याओं को समझने और अनुसंधान की भूमिका तैयार करने के निमित्त
    बैरवा जाति का उद्भव एवं विकास पर एक परिचर्चा 14 अप्रेल, 1995
  3. आर्थिक उदारीकरण की नीति का समाज के कमजोर वर्गों पर प्रभाव
    विषय पर व्याख्यानमाला  (3 दिसम्बर,1995)
  4. सामाजिक परिवर्तन में साहित्य की भूमिका
    विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन , 29 मार्च, 1998,

डा.अवन्तिकाप्रसाद मरमट स्मृति व्याख्यानों का आयोजन

डा.अवन्तिकाप्रसाद मरमट स्मृति व्याख्यानों का आयोजन

मध्य प्रदेश दलित साहित्य अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डा अवंतिका प्रसाद मरमट की स्मृति को बोढ्धिक-साहित्यिक जगत में चिर स्मरणीय बनाए रखने के निमित्त अकादमी द्वारा स्मुति व्याख्यान का आयोजन किया जाना निर्धारित किया गया है :

 

  1. सामाजिक विषमता के उन्मूलन में साहित्यकार की भूमिका
    विषयक व्याख्यान 7 सितम्बर, 2005
  2. दलित जीवन की व्यथा और सामाजिक सरोकार
    विषयक व्याख्यान  31 मार्च, 2007
  3. परिवर्तित परिदृश्य: वैश्वीकरण एवं आरक्षण व्यवस्था
    विषयक व्याख्यान  24 मार्च, 2008

दलित साहित्य अकादमी पुरस्कार

दलित साहित्य अकादमी पुरस्कार

अकादमी द्वारा दलित साहित्य, इतिहास, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में सृजित उत्कृष्ट कृतियों (ग्रन्थों) को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से उच्चस्तरीय दलित साहित्य अकादमी पुरस्कार की स्थापना की गई है। राष्ट्रीय स्तर के इस पुरस्कार के अन्तर्गत प्रशस्ति-पत्र सहित पुरस्कार राशि प्रथम रूपये 15 हजार एवं व्दितीय रूपये 10 हजार निर्धारित है। पुरस्कार के लिए चयन “दलित साहित्य अकादमी पुरस्कार नियमावली”  में दी गई योजना/प्रक्रिया के अनुसार एक उच्च स्तरीय ”निर्णायक मण्डल”  की अनुशंसा पर किया जाता है। योजनान्तर्गत पुरस्कार वर्ष 1994 से 2006 तक 33 चयनीत कृतियों के दलित एवं गैर दलित लेखकों को समारोहपूर्वक पुरस्कृत किया जा चुका है।

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